ये हक मुझसे मत लिया करो

बात नहीं कर पाते  ज्यादा  कोई शिकवा नहीं है.
ज़ज्बात नहीं बता पाते कोई गिला नहीं है. |
पर यार  कभी कभी प्यार  ज़ता दिया करो.
पहले की तरह हक्क दिला दिया करो. |
ये हक़ मुझसे मत लिया करो, ये हक़ मुझसे मत लिया करो

लंबी बात ना कर सकते पता है यार, 
पर बीच बीच मे miss you का msg  दे दिया करो.
बातों के लिए बात हो ये वो रिस्ता तो नहीं यार.
कम से कम दो चार दिनों मे ही सही,
 पर प्यार करने का हक्क दिला दिया करो !
दर्द दूर रहने का नहीं, ना ही बात ना कर पाने का, 
बस दर्द होता है ये आपका 
कभी कभी अनजानों की तरह होने का. 
क्या सही क्या गलत ये नहीं मुझे मालूम, 
आप से प्यार है मुझे ये बस ताल्लुक.
हमेसा प्यार से समझाती हो आप, 
कभी कभी डांट दिया करो. 
कभीं कभी तुमको  भी मुझे माना लेने दिया करो. 
हस्ते रहा करो और आपको मुस्कराते देखते हुए 
मुझे भी सुकून ले लेने दिया करो. 
दर्द अपने कुछ मुझे भी दिया करो, कम ना कर सकू. 
लेकिन ऊपर वाले से कम करने के लिए दुआ कर सकू
 ये बैचैन होने का हक मत लिया करो. 
दर्द अपने मुझसे कह लिया करो, 
जब होती उदास तो मुझे कह लिया करो. 
यूँ दिल ही दिल मे अकेले मत सहा करो 
आपके दर्द का भी हिस्सा बनूं और बने रहूं. 
ये हक़ मुझसे मत लिया करो, 
जब थक जाती हो इस दौड़ भाग मे, 
और हो जाती हो उदास. 
तो उस पल मुझे आपकी थकान और उदासी 
को दूर करने के लिए जोकर बनने दिया करो. 
 आपको हंसा सकू और उदासी दूर कर सकूं
 उस समय वक़्त दिया करो  कोशिस मुझे करने दिया करो. 
ये हक़ मुझसे मत लिया करो, ये हक़ मुझसे मत लिया करो. 
☺️☺️❤️❤️☺️☺️






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