क्यु दर्द की बात करे,
क्यु ज़ज्बात के घाव करे हरे.
मिली थी जिन्दगी उसे मेरे आने से पहले.
तो उसकी जिन्दगी भी क्यु बर्बाद करे??
हाँ एक पल नहीं हर पल के साथ की चाह थी,
सुख और दुख मिलके बताने और बांटने की आश थी.
नहीं हो सका अगर ये मुमकिन तो,
क्यु उससे पास रहने के लिए फरियाद करे??
मुस्कान ही तो है जो चाहते हम उसके होंटों पर,
मिलती अगर बिन हमारे उसे तो क्यु परेशान करे??
रहे वो खुश और पहले से भी ज्यादा,
ये रब तुझसे बस यही फरियाद करे.
🙏🙏
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