जो दूर है उसकी तलाश चल रही.
जिसे बनाया था अपना कभी,
अब उसमे वो बात नहीं दिख रहीं.
और जो अभी हुआ ही नहीं अपना,
उसमें अब सब खूबी दिख रही.
वाह रे इंसान प्यार बोलते हो तुम इसको,
मुझे तो बस ये जिस्मों और वक़्त की भूख लग रहीं.
नये जमाने के रिश्ते है लगता है,
बस प्यासों की प्यास बुझ रही.
सच मैं अगर प्यार हो गया तो फिर,
दूसरे की चाह कैसे आँखों मे क्यु दिख रही.
खुद कर लिया है अपना सुकून बर्बाद ,
और अब कह रहे हैं सुकून की तलाश चल रही.
2 Comments
Waahhhh
ReplyDeleteसब आपकी देन है 😆😆😆👍
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