वेब सीरीज और टिक टोक का बच्चों और समाज पर प्रभाव.

आज की बदलती दुनिया में इन्टरनेट एक ऐसा साधन है जिसके बिना आज के आधुनिक युग की कल्पना करना भी मुस्किल है. इंटर्नेट ने जहाँ हमारे जीवन को बहुत सरल असान बना दिया और एक वरदान की तरह हमारी जीवन को चला रहा है. यही जंहा इन्टरनेट ने हमको बहुत कुछ दिया, इसके बहुत से दुष्प्रभाव भी देखे जा रहे हैं, इन्टरनेट ने एक ऐसा समाज की रचना कर दी जहाँ संस्कृति, रिसते और भी बहुत कुछ का कोई मतलब नहीं, एक ऐसा क्राइम इन्टरनेट के माध्यम से समाज मे हो रहा जिसे ना हम देख सकते सिर्फ महसूस कर सकते वह क्राइम साइबर क्राइम के नाम से जाना जाता. जहाँ इंटर्नेट एक वरदान बन कर हम सबके लिए आया वही अभिशाप भी. खास बात यह है कि इसको वरदान बने रहने दे या अभिशाप यह भी हमारे ही हाथ मे है कैसे हम इसका उपयोग करते हैं समाज और बचों के लिए.

खासकर बचों के लिए यह बहुत जरूरी है कि पेरेंट्स यह सुनीचित्त करे कि उनके बच्चे  इन्टरनेट ये क्या कर रहे है. इसकी जिम्मेदार पेरेंट्स की है क्युकी 13 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों से ही हमारे कल के समाज और दुनिया का विस्तार होगा तो जिस प्रकार एक घर को बनाने के लिए अच्छी मजबूत नींव का होना जरूरी है है उसी प्रकार बचो को 13 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों तक एक अच्छा वातावरण भी देना जरूरी होता है. जिस तरह एक ऊर्जा रोशनी देने के लिए भी उपयोग होती है वही ऊर्जा एक विनाशक बम बनाने के लिए भी जहाँ रोशनी खुद को और दूसरों को रास्ते दिखती वही एक विनाशक बम सब कुछ तबाह कर सकता है अब यह हमारे हाथ मे है हम अपने आने वाले समाज को बम बनाते या रोशनी देने वाला एक माध्यम.

आज के समय मे इंटर्नेट से फैल रहे गंदगी के सोर्स इन सभी प्लेटफॉर्म को जिन्हें इंटरटेनमेंट और टैलेंट के लिए बनाया गया था ताकि हर कोई छोटा बड़ा इंसान इस के माध्यम से अपना हुनर दिखा कर नाम पैसा और अच्छा समाज का बनाने मे हेल्प करे लकिन धीरे धीरे इस पर अब सही content की जगह सिर्फ पोर्न, अश्लीलता, धार्मिक दुर्भाव, और साइबर क्राइम के लिए उपयोग किया जा रहा है. जहाँ एक समय पर 80 % यहां पर उपयोगी चीज मिलती थी वही आज सिर्फ अश्लील वीडियो, और अश्लीलता. इन सभी प्लेटफॉर्म ने एक ऐसा समाज बना दिया और बनता जा रहा है है जहाँ नशा, अश्लीलता ही जिंदगी जीने और फेमस होने का माध्यम है, यही आज की generation  खुले विचारो के नाम पर गालियाँ, ऐसे दी जा रहीं जैसे कि यह एक नॉर्मल लाइफ हो, यह समाज और हमारी generation के लिए इस लिए भयानक होता जा रहा है क्युकी इसे सिर्फ एक क्लिक पर असानी से चलाया जा सकता बिना किसी रोक टोक के. 

 कुछ प्लेटफॉर्म जो अश्लीलता का घर बनता जा रहा है 

1-टिक - टोक 

2-Instagram

3- वेब सीरीज

4- ऑनलाइन डेटिंग  app

5-और भी अन्य

 

टिक - टोक = हाल के दिनों मे यह चर्चा तेजी से होने  लग गए कि tik - tok समाज और आज की GENERATION क़े लिए सही है कि नहीं  इसको INDIA मे बैन करना चाहिए कि नहीं जहाँ कुछ लोगों ने इसका समर्थन किया और इसको एक इंटरटेनमेंट की app बोली तो कुछ ने गंदगी, nudity, हेट फैलाने का एक ऐसा सोर्स बताया जो कि आसानी से किसी भी छोटे से छोटे और बड़े से बड़े तक पहुँच जाता है. मेरे विचार से अगर इसमें इस तरह के content आते रहे तो यह हमारी generation और समाज के लिए बहुत



खतरनाक होगे. हम सभी को इस तरह के विडिओ को देखने और फैलाने से रोकने क़े लिए पहल करनी चाहिए. कोई अगर जाने अनजाने मे भी इसपर ऐसे विडिओ डालता जो समाज और बच्चों के लिए सही नहीं तो उसका विरोध करना जरूरी अगर शुरूवात से ही यह रोक दिया जाए तो बहुत उम्मीद है कि इस application का सही प्रयोग हो सके, वैसे भी हमने बहुत देर कर दी. यह जिम्मेदारी टिक - टोक पर फेमस लोगों के साथ हमारी भी की इसको रोके. और यह एक क्रिएटिव apps बनी रहे. 

 वेब सीरीज का समाज और बच्चों पर दुष्प्रभाव


 हाल ही में मे एक वेब सीरीज जिसका नाम लेकर मैं उसे प्रमोट कर इस गंदगी को फलाने का माध्यम नहीं बनाना चाहता हूं. लेकिन इस वेब सीरीज पर एक फौजी की के परिवार के बारे मे अश्लीलता दिखाए और साथ ही हमारी फौज की वर्दी के साथ. क्या यह सही है एक फौजी जो घर परिवार से दूर हमारे लिए खाड़ है उसके बारे मे यह विचार. आज हमारे सैनिक खड़े है इसलिए हम aram से अपने घर मे बैठ कर ये वेब सीरीज देख रहे है और कितने शर्म की बात अभी तक वह चैनल टॉप रैंकिंग मे एक,

1- क्या अश्लीलता, नशा, बोल्ड सीन ही और गालियों से भरी यह वेब सीरीज मारे युथ के लिए जरूरी है 

 

2-क्या हम ये सब को देख कर ही कुछ कर सकते हैं एंटरटेनमेंट के नाम पर ये बोल्ड सीन, अश्लीलता, गालियाँ ये सब ही कूल दिखने के लिए जरूरी है

 

3-आज के दिन मे हमरा 13 साल से 18 साल तक की generation अपना समय internet मे सबसे ज्यादा दे रहीं है अगर वह सारा दिन ये सब देखे तो आप लगता कि वह एक सोशल इंसान बन सकते. जरूरी है कि पेरेंट्स देखे कि उनका बच्चा क्या कर रहा है इन्टरनेट पर यह जिम्मेदारी पेरेंट्स की है

 

4-वेब सीरीज netflix, Amazon, atl बालाजी etc ये सब मे पैसा कमाने के लिए बोल्ड सीन, अश्लीलता, नशा, ऐसे ऐसे शो डाले जा रहे जो किसी भी नजर से सामजिक नहीं और बच्चों क़े लिए सही नहीं, आजादी क़े नाम पर ल़डकियों और लड़कों का को टॉपलेस होना, दारू पीना गालियां देना और अश्लीलता करना ये न्यू generation की पहचान होती जा रही है. अगर 10% इसपर motivation, biography, और टेक्नोलॉजी की तो 80% अश्लीलता और गालियों से भरी हुई. क्या हम इन्हें मजबूर नहीं कर सकते कि ये इस तरह की वेब सीरीज बनाना बंद करे. कर सकते हैं बस आवाज उठाने की हिम्मत करनी होगी समाज मे बिना शर्म के इसके दुष्प्रभाव को बताना होगा

 

5- जब अगर 2 महिने(Lockdown) की धार्मिक सीरिअल वो भी जब हम लोग सिर्फ 1 hrs का देख रहे थे दूरदर्शन पर तो हमारी संस्कृति और अच्छे विचार कुछ ना कुछ प्रभाव डाले तो आप सोचिए ये वेब सीरीज हमारे समाज पर कैसा प्रभाव डाल रहीं होंगे. 

 

 

 क्यु पसंद होती जा रही ये वेब सीरीज और अश्लीलता :

इसको पसन्द करने का कारण यह है कि इसमें विचारों की आजादी क़े नाम पर वह सब मिल जाता जो समाज मे और बुरी आदत की तरह फैला है, वेब सीरीज तो हमारे बच्चे और यूथ दिन भर देख रहे तो इनकी अश्लीलता और nudity का क्या प्रभाव होगा. हम जैसे देखेंगे वहीं सीखेंगे

आसानी से हर जगह उपलब्ध होना :

 वेब सीरीज मे ना सेंसर बोर्ड की कोई restriction नहीं चलती ये जो चाहे दिखा सकते इसके दुष्प्रभाव ये हो रहे की हर गंदगी आसानी से फैल जा रहीं है ऐसे ही बहुत से प्रभाव समाज मे फैल रहे हैं जो हमको दिख नहीं रहे पर अंदर से समाज और यूथ को धीमे जहर की तरह बर्बाद कर रहे हैं. जरूरी है कि हम सब कुछ आवाज उठाए थोड़ी ही सही हिम्मत दिखाए. Government को इस तरफ देखने को मजबूर करे. 

नहीं तो यह धार्मिक हेट , अश्लीलता, और बहुत कुछ बढ़ता ही जाएगा ना फिर हम कुछ कर पाएंगे ना ही कोई और वेस्टन कल्चर से हमने सिर्फ बुरा ही उठाया कुछ अच्छा भी लेने की जरूरत. उनकी technology, उनकी शिक्षा, और भी बहुत कुछ आज जहाँ बाकी देश भारत के योग, मेडिटेशन, और उसकी संस्कृति को सीख रहे हैं भारत मे आकर रह कर. वही हम उन देशों की संस्कृति की और आकर्षित हो रहे जो अपनी संस्कृति को छोड़ना चाहते हैं. और सब कुछ देख कर भी हम चुप है सिर्फ इसलिये कि कोई हमको पुराने ख्यालो वाला, रूढ़ीवादी ना बोले. 

विचारो की आजादी हो खुले विचार हो पर कहा हो पर ये सोचना जरूरी है,

ये मेरे अपने विचार व्यक्त किये हों सकता मेरी बात से सहमत ना हो पर कभी देखना पीछे मूड़ कर की अश्लीलता, दिन पर दिन कहा होती जा रही समाज मे बस बड़ती ही जा रही है जिसका एक ही कारण ये सब  इन्टरनेट के प्लेटफॉर्म. जिनमे कुछ content पूरे इन्टरनेट की दुनिया को साइबर क्राइम की और ले जा रहे हैं

 

 

 

 

 

 

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