दाद देते हैं तुम्हारे नजर अंदाज करने के हुनर को,
जिसने भी सिखाया उस्ताद कमाल का होगा.|
क्यु शर्मिंदा करते हो रोज यूँ हाल पूछकर,
हाल हमारा वहीं है जो तुमने बना रखा है.|
मिल गये होगी गज़ब की मजबूरी कोई,
वर्ना मेरा यार यूँ बदलने वाला ना था |
नींद भी नीलाम हो जाती है दिलों की महफिल मे,
किसी को भूलकर सो जाना इतना आसान नहीं होता.
यकीन ना था यूँ बदल जाओगे तुम,
खुसी इस बात की है कि हम फिर गलत निकले |
किसी ने कहा था मोहब्बत फूल जैसे होती है,
कदम रुक गये मेरे जब बाजार मे फूल बिकते दिखे |
याद नहीं है कि वो रूठा था या मैं रूठा था,
याद नहीं है कि वो रूठा था या मैं रूठा था।
लेकिन साथ हमारा जरा सी बात पर छूटा था।
अजीब खेल है इस मोहब्बत का,.
उसे वो ना मिला जो उसकी चाहत थी,
हमको वो ना मिला जिसकी हमको चाहत थी.
गुलजार Poetry कुछ अह्सास गुलजार सहाब के कुछ हमारे.........
2 Comments
Heart touching lines✨✨ really appreciate it😊
ReplyDeleteThanku so much for your lovely comments n support 🙏🙏🙏
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