एक दोस्त था मेरा, हाँ एक ही तो दोस्त था मेरा.
जिससे हर दिल की हर बात करता था मैं ,
हाँ जिसे दिन रात परेशान करता था मैं .
हाँ था तो वो दूर मुझसे,
पर उसका साथ हर पल पास था मेरे.
हर गम हर खुशी मे, उसका साथ था मेरे.
हाँ एक दोस्त था मेरा, हाँ एक ही तो दोस्त था मेरा.
हाँ रो देता था जिसके सामने बच्चों की तरह,
गुस्सा हो जाता था जिसपर अपनों की तरह.
जिसका एक पल हर मुस्किल को भुला देता था,
जिसकी एक मुस्कान जीने की चाह को दुगना बना देता था.
जिसका बोला शब्द एक संगीत सा सुकून देता था,
जिसके एक झलक मुझ मे जुनून भर देता था.
हाँ एक दोस्त था मेरा, हाँ एक ही तो दोस्त था मेरा.
जिसका साथ मुझे कभी किसी की
जरूरत नहीं का विस्वास दिलाता था.
जिसका साथ एक सच्चे रिश्ते की पहचान बताता था.
एक ऐसा दोस्त था मेरा, हाँ एक ही तो दोस्त था मेरा.
हद से ज्यादा प्यार दिखाना, मुझ नाकाबिल को भी.
एक ऐसा प्यारा दोस्त था मेरा.
मेरी हर गलती मे भी मेरे साथ चलना,.
गलत करू कभी तो एक अपने तरह डांटना.
ऐसा एक दोस्त था मेरा, हाँ एक ही तो दोस्त था मेरा
पर ना जाने उसके लिए मे अब मरा इंसान बन गया,
किस हालत मे हूं भी पूछ ना रहा वो ऐसा अनजान बन गया.
आजा दोस्त में अब सब्र नहीं कर पा रहा,
तेरे दी हुई कसम निभा नहीं पा रहा.
नहीं करूंगा परेशान किसी बात से,
पर मत रूठ मुझसे माफी देदे. 🙏🙏
एक ऐसा प्यारा दोस्त है मेरा. हाँ एक ही तो ऐसा दोस्त है मेरा 😍😘😘😘😘
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