सुना तेरी खुशियो भरी जिंदगी मे अब कुछ और आ गया है.
नाम मे लिख वफा तेरी लकीर मे हमे गैर बना गया है.
मोहरा बना मुझे शतरंज का तेरी जिन्दगी से निकाल गया है.
खुश है तू भी अब नये जिन्दगी मे बस मुझे रुला गया है.
क्या कहु बस लफ्ज़ नहीं जब तू ही बदल सा गया है.
बस तेरा ये इस तरह छोडकर जाना जिंदा लाश बना गया है.
तकदीर नहीं बदल सकते खुद की, हाँ नहीं कुछ कर सकता,
जब तुझे ही ख्याल नहीं मेरे होने ना होने का.
उजड़ सा गया सब बता ना यार ये कैसा माहौल बना गया है.
जो फूल तूने खिलाया था ना कभी, वो हमेशा के लिए मुर्झा सा गया है.
जिसे मैं जानता था कभी वही अजनबी बन सामने खड़ा है.
और जिसे जानता ना था कभी वही अब ढाल बनकर आ गया है
अच्छा गुनाह ही बता दो मेरा जिसकी वज़ह से,
ये दिल तुम्हारा भर गया है.
तू तो गुरूर था ना मेरा तब भी कुछ नहीं कहा मेरे जाने मे.
बता ना यार ये कैसे खेल मे फँसा गया है?.........
शब्द जो तू बोल गया आखिरी मुझे खुश रहने दो मेरी जिन्दगी मे,
बता ना यार ऐसा क्या मेरा साथ तेरी जिन्दगी को रुला कर गया है.
कुछ ख्वाहिश तो थी मेरी ज्यादा नहीं छोटी ही थी.
बस तुझे अपनों की तरह मानना ही मुझे आज बेगाना बना गया है.
हाँ था मैं लड़ता तेरे ना दिखने और तेरी खबर ना मिलने पर,
पर मेरा ये लड़ना तू पीछा छुड़ाकर जाने की वज़ह बता गया.
हैरत भी हुई गुस्सा भी आया, कुछ कर जाने का ख्याल भी आया.
पर ठहर गए कदम क्युकी तू आखिरी बात ही खुश रहने दो मुझे सुना गया है.
पर ये मत बोल की तू सबके लिए तोड़ गया ये रिश्ता.,
सच सच बोल का जा अब तेरा सुकून कहीं और आ गया है. 🙏😊❤️🖤
1 Comments
🙏
ReplyDelete