मेरी एक किताब खो गयी,
जो थी मेरी सबसे अजीज वो किताब खो गयी।
ढूँढा हर जगह उसे पर ना जाने वो कहा खो गयी.
जिसे देख कर होती थी एक प्यारी सी सुबह मेरी,
मेरी वो सुबह खो गयी. मेरी एक किताब खो गयी.
कुछ पल दिल के ख्याल बया कर मीठी सी नींद जो मेरी,
ना जाने मेरी वो सुहानी रात कहा खो गयी ।
इंतजार मे अब रात-दिन एक से हो रहे मेरे,
ग़म के आंसुओ मे अब जिन्दगी गुजर रही,.
हाँ मेरी एक किताब खो गयी.
तुझे तो पता है ना बिन तेरे क्या हाल है मेरा,.
फिर क्यु मेरी किताब तुम मिल नहीं रही.
बिना स्याही के जैसे होती एक कलम कुछ नही,
हाँ तेरे खोने के बाद मेरी हालत वैसी ही हो रही ।
हाँ पता तुम नाराज सी हो,
मेरे तुम को बार बार पड़ने से,
पर इतनी बड़ी नाराजगी भी क्या ?
ये कुछ ज्यादा ही नहीं हो गयी ?
चल वादा मेरा तुम से अब नहीं दिल दिखाऊंगा,.
वापस आ जाओ नहीं तो मैं खुद से लड़ जाऊँगा.
मेरी वो किताब मेरी खुशी मेरी एक दोस्त जो मेरी,.
जिसके हर पन्ने कुछ पल मे ही मुझे खुशी देते ,
ना जाने मेरे से क्यों खफा हो गयी.
मेरी वो सबसे अजीज किताब खो गयी.
2 Comments
Beautiful😍
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