मै अकेला मै अकेला, हो रहा हूं मैं अकेला.
छूट रहे अब साथ सारे जिनका था कभी मेला.
वक्त की मार ही ऐसी साथ छूटे वक्त के साथी.
सन्ध्या का अब इंतजार होता बस मै अकेला मै अकेला .
किस भ्रम में रखा था मैंने जीवन का ये खेला,...
साथी साथ रहते हर दम वक्त ने सच दिखा कर तोड़ा.
देख रहा हूँ अब हर दिन किस तरह जीवन जा रहा,
चल रहा हूं जीवन संग, जीवन छूटे जा रहा.
मै अकेला मै अकेला, हो रहा हूं मैं अकेला.
दुनिया के लोगों से मिलना अब कम होता जा रहा,
वक्त था सबके लिए अब खुद का कम होता जा रहा.
ख्वाब अब कुछ नहीं बस जंजीर मे मन ये जकड़ा.
मै अकेला मै अकेला, हो रहा हूं मैं अकेला.
बहती नदिया बहती हवा अब इनको छूने का दिल ये मेरा.
ले चले ये उस जगह रूह बना कर,
जहाँ सुकून का वक्त थोड़ा.
कह्ते है ये भी अब चल तू अकेला चल अकेला.
जी जब तलक हिम्मत तब तक दुनिया का ये मेला.
बात कर ना इनसे ख्वाहिश को दूर रख,
बस कलाकार की तरह खुद को जिंदा रख,
मै अकेला मै अकेला, हो रहा हूं मैं अकेला.
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