एक पल में अपना बन कर लोग आते हैं।
एक पल में पराया कर लोग चले जाते है।
आते है जब हसीन दुनिया सी बना देते,
और जाते हैं जब सब तबाह ये कर जाते है।
एक पल में अपना बन कर लोग कुछ आते हैं।
इक पल में ही पराया कर छोड़ चले जाते है।
अच्छी खासी गम की दुनिया में। रहने की आदत को,
आकर वो आदत भी बिगाड़ जाते है।
रहते जब तक साथ संग वो हमारे
तब तक दुनिया हमारी हेवन कर देते है,
और जाते जब वो हमको छोड़ कर ,
तब वो उस दुनिया को जहनुम कर जाते है ।
एक पल में अपना बन कर लोग कुछ आते हैं।
इक पल में ही पराया कर छोड़ चले जाते है।
हम तो रहते थे वैसे भी ख्वाबों की दुनिया मे,
आकर वो संग नया हसीन सपना दिखा जाते हैं।
सपना जब अपना सा लगने लगता। तब वो,
आसानी से उसे तोड़ छोड़ चले जाते है।
एक पल में अपना बन कर लोग कुछ आते हैं।
इक पल में ही पराया कर छोड़ चले जाते है।
क्यू आते है ये लोग जिनको जाना ही होता तो,
क्यू साथ देने का वादा दे जाते है ।
इतना अपना बनाने की जरूरत ही क्या,
जब वो एक पल में पराया कर जाते हैं।
ये लोग जो होते वो होते अपने ही,
अपने ही अपनो को दगा दे जाते है
एक पल में अपना बन कर लोग कुछ आते हैं।
इक पल में ही पराया कर छोड़ चले जाते है।
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