ज़िंदगी ढूंढ ही लेगी, फिर से नया बहाना जीने का।।


ज़िंदगी ढूंढ ही लेगी, फिर से नया बहाना जीने का,
ज़िंदगी बना ही लेगी फिर से नया ठिकाना रहने का।।
वो जो आया था कुछ पल के लिए,
अपनेपन का अहसास लिए।।
कुछ खास सौगात लिए कुछ नये जज्बात लीये,
मेरे दर्द को मिल बांट कर उसने कम करने का इरादा दिया,
और साथी साथ रहते हर पल थोड़ा कुछ ऐसा वादा किया।।
अब उसने फरमान दिया, खुद से दूर हो जानें का ,
ज़िंदगी ढूंढ ही लेगी, फिर से नया बहाना जीने का।।

कोई शिकवा भी कैसे तुमसे ये दोस्त करे,
कैसे पूछे ये क्या जरुरी है इस तरह छोड़जाना।।
कुछ पल मे ही कुछ अपने ऐसे खाश बन जाते,
जैसे सदियों से था उनसे रिश्ता पुराना।।
हां हम दूर है तुमसे पर पास हरदम रहेंगे,
हर दर्द को अब भी तुमसे ही कहेंगे।।
हां अब तुम पास ना होगे मेरे दर्द को सुनने मे,
पर अब भी रो रो कर अपनी सब बात करेंगे।।
ज़िंदगी ढूंढ ही लेगी, फिर से नया बहाना जीने का।।

रह लेता हर कोई हर किसी के बगैर,
कुछ उलझा हुआ कुछ टूटा हुआ।।
बीते कल मे थोड़ा थोडा खोया हुआ ,
अब फिर से हम भी वन्ही चले जायेंगे।।
फिर से उम्मीद अब ना किसी से लगायेंगे,
बीते हुई कल में टूटी उम्मीद ही काफी है,ज़िंदगी जीने के लिए।।
ज़िंदगी ढूंढ ही लेगी, फिर से नया बहाना जीने का।।


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