ये सावन के मौसम मे बादल का डरना।
ये बारिश की बूंदों का हल्का सहकना,
बड़ा प्यारा लगता ये सावन का मचलना।
ये हल्की सी धूप में सूरज का छुपाना,
ये बादल का उससे मिलना बीछीडुना।
बड़ा प्यारा लगता ये सूरज का बादल से छुपना,
बड़ा प्यारा लगता ये सावन का मचलना।
ये धरती का पल पल सावन से मिलना,
बारिश की बूंदों संग मिलकर ये चलना।।
ये बेजान पेड़ो को फ़िर से जगाना ,
उन्हें जीने देने की हिम्मत दिलाना।।
वो फूलो का बारिश की बूंदों से मिलना,
बूंदों से मिल ये फूलों का खिलना ।।
बड़ा प्यारा लगता ये सावन का मचलना।
वो झरनो का का हर दम पहाड़ो से गिरना,
वो गिरकर फिर नदियों से मिलना ।।
वो नदियों का यूं बेपरहाव बहकना,
वो पहाड़ो के नदियों से डरना।।
बड़ा प्यारा लगता ये सावन का मचलना।
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