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जाने वो कैसी होगी उस पार की दुनियां,                             सतरंगी होगी अतरंगी होगी या होगी वो भी चाह की दुनियां।।
आंसू देख ले ना मेरे कोई शब्दों के जाल मे,                                  आंसू को सुखा कर कलम की स्याही बनाएं जा रहा।।
आंखों मे आंसू तो छुपा लेता हूं दिन मे,                                    पर ये रात को दर्द भुलाऊं तो भुलाऊं कहा।।
ये राखी फिर रुलायेगी,                                                        फिर मेरी याद लौट आयेगी।।
आसार मेरे ये तो जमाने के लिऐ है,                                         कुछ अल्फाज उनको सुनाने के लिए है।।
तुम भी छोड़ गये.......... मेरे हालत देखकर
कसम ना टूटे तेरा साथ ना छूटे,                                             तेरी खुशियां मेरे से फिर ना टूटे।।
याद नहीं यादें नही तुम तो हर पल पास यहीं,                            जब रहूं तन्हा उस घड़ी बस साथ तुम्ही।।
ना भुला ना दूर हूं एक बार आंखे बंद कर सोच तो सही,                            पास ही पाओगे जब भी सोचोगे मे मै रहू या ना रहूं।।
मैं वो कहानी हुं ...........                                                   किसी की अधूरी मोहब्बत और आंसुओ की जुबानी हूं,                 पुरी होते होते रह जो गई मैं वो अधूरी कहानी हूं..!!
तुम को तुम नहीं हम करने को दिल करता,                                 बस तुम्हें प्यार और प्यार करने को दिल करता ।।
अगर प्यार नहीं तो सच बता, मेरी याद मे,                                 तेरे हाथ से ये प्याला क्यू छलकता है ।।
बहुत उदास है कोई तेरे चुप हो जाने से ,                                   हो सके तो बात कर किसी बहाने से.
आसान नहीं होता खुद से बांते करना,                                                      यूं हर एक बात ख़ुद से ही करना।।
जब खुद को चोट लगती हैं,                                                     तब अहसास दर्द का होता है।।
नाराज़ खुद से हूँ, तुमसे कोई गिला कोई बात नहीं,                   वक़्त बदलता गया पर कमबख़्त ये मेरे हालात नहीं।
हम भी साथ रहेंगे राधा - कृष्णा की भांति.
तुम्हे मिली है जिंदगी सच दिखाने को।                                            तो  क्या तुम जूठ भी दिखाते हो।।
यार मेरे यार तुने क्या कर डाला,                                            पता भी नही तुझे पर तबाह कर डाला।।
सही कहा सबने मैं बदल सा गया हुं।।
हाँ मैंने भी अब हस्ते हुए चहरे से अपने।                                         आंसू को छिपाना सीख लिया है.......!!!!
बस वक्त मुताबिक मुझे साथ लिऐ चलते है सभी,                       ना जाने सबने मुझे इतना गया गुजरा समझ लिया क्यों???
रात इरादा करके सोए, आज हम सो जायेंगे।।                         कल देखते ये कह खुद से, मैं फिर से जाग गया।।
याद है वो हमें कुछ इस तरह से अब तलक,                          उससे दूर होकर खुद को भूला बैठे हैं हम ।।
इन्तज़ार...............
सब खत्म नहीं होता, कोई जुदा नहीं होता।।                                 जो दिल से जुड़ जाता वो फिर गैर नही होता ।।
तब हम फिर से मजबूर हो जाते है,                                    चाहकर भी हम तुम्हे भूल ना पाते।।
ये बेदर्द यादों से कह दो थोडा रुक जाएं ।।
हर रात मे कुछ पल चंदा चांदनी और तारो को देखू।
कभी लिखता दिल के अरमां किताबों में,                               कभी फिर उन किताबो को  पड़ता ।।
सालो की जरूरत नही किसी के खास बनने मे,                        चंद लम्हे ही काफ़ी है ।।