हाँ मैंने भी अब हस्ते हुए चहरे से अपने। आंसू को छिपाना सीख लिया है.......!!!!


ऐसा नहीं है कि मैंने अब रोना छोड़ दिया है.
दुखी अब भी होता हूँ बहुत पर बताना छोड़ दिया है. 
ऐसा नहीं  मैंने सबके साथ रहना छोड़ दिया है, 
हाँ अकेला हूं बहुत इतने सारे अपनों के साथ,
अब अपनों से कहना छोड़ दिया है ।।

हाँ करता हूं मैं पहले जैसा ही प्यार उन सभी अपनों से, 
पर क्या करू अब प्यार का इजहार करना छोड़ दिया है ।।

खुशअंदाज़ जिंदगी जीने का हाँ होता है मन मेरा भी बहुत, 
पर इस जिंदगी ने अब खुश रह कहना ही छोड़ दिया है. 

हाँ शिकायत तो अब भी बहुत हो जाती मुझे ,
मेरे दिल के करीब अपनों से , 
पर अब उन शिकायतों के लिए लड़ना छोड़ दिया है. 
रह गया हूं बहुत अकेला इस भीड़ भरे लोगों मे, 
इस अकेलेपन को ही अब अपना साथी चुन लिया है. 
ऐसा भी नहीं  की मुझमे अब वो ,
प्यार चाहने वाला पागल बच्चा नहीं, 
पर उस बच्चे दिल को बड़ा होने के लिए बोल दिया है. 

हाँ ख़ुशी हो ना हो अब जिंदगी जीने मे, 
पर मैंने अब जिंदगी को काटना सीख लिया है. 
इस दुनिया मे हर किसी के अपने सपने होते,
कुछ अपनो के सपनों के खातिर मैंने भी ,
मुसाफिर बनना सीख लिया है. 
हाँ मैंने भी अब हस्ते हुए चहरे से अपने।                                आंसू को छिपाना सीख लिया है.......!!!!         
अब हर किसी को अपना समझकर,
दर्द का गीत गुनगुनाना छोड़ दिया है।।
अब अपनो से मैंने अपने रहो मेरे,
ये गुजारिश करना छोड़ दिया है 
 

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