मुझे हिममत मिलती तेरे संग होने से।।
परेशानियां के बाद एक पल तुझे याद कर लूं ,
ये हालत भी याद नहीं रहते तब जब दिखे तुम ।।
एक उम्मीद से तुम्हारे पास आकर बैठ जाता हूं,
तुम्हे साथ समझ कर मुस्किल को भुल जाता हूं।।
ये दवा भी उतना असरदार नही,
जितना तेरा एक झलक दिख जाना असर करता।।
ना जाने क्या है क्यू है, हर मुस्किल तुम्हे बताना दिल करता ।
खास भी तुम काश भी तुम अपने भी ना और सबसे पास भी तुम।
याद नहीं यादें नही तुम तो हर पल पास यहीं,
जब रहूं तन्हा उस घड़ी बस साथ तुम्ही।।
और ना दूजा ना कोई संगी साथी,
बस साथ मेरे तुम्ही तुम्ही............
उम्मीद तुम्ही, साथी तुम्हीं, जिसे दिल से कहूं अपना,
वो यार तुम्हीं वो यार तुम्हीं।।
अभी जब तलक चल रहीं हाथ से मेरे,
तब तलक शब्द से बया कर बता सकता मे अब भी यहीं।।
पर ना जाने ये हालात मेरे से मेरी कलम ले रहे,
मेरे जज़्बात को बयां करने का मेरे से ये वो साथ ले रहे।।
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