ये बर्ताव तेरा तकलीफ नहीं..,
बैचेन कर रहा .........
दूर ही हूं पर याद मे.....
हर मुस्किल मे मांगू साथ तेरा ।।
कसमों से बांध कर मुझे,
रूठे हो ना जाने क्यों तुम ।।
पूछ लेता बता देता अब के हालात भी,
पर कसम भी खुद की ही,
अनजाने से दे बैठे हो तुम।।
कसम ना टूटे तेरा साथ ना छूटे,
तेरी खुशियां मेरे से फिर ना टूटे।।
इसलिए पूछ रहा हूं खुद से ही,
बार —बार..ठीक तो होगे ना तुम
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