तब हम फिर से मजबूर हो जाते है, चाहकर भी हम तुम्हे भूल ना पाते।।




ये तेरी यांदे मुझे  उदास कर देती हैं,
जितना भूले उतना याद ये देती है ।।
क्या करे इन यादों का अब कुछ समझ आता ,
कोशिश करते हर रोज पर भूला नहीं जाता।।
सब कर लिया हमने तुम्हे भूलने की खातिर,
पर ये यादें तेरी यारा है बड़ी शातिर।।
जब इनको मे तुझे भूलने को बोलूं,
तुम थे नही मेरे कभी जब बात ये बोलूं।।
तब यादें तेरी मुझको वो पल दिखा देती है,
वो कसमें वो तेरा अपनापन पल वो जगा देती हैं ।।
तब हम फिर से मजबूर हो जाते है,
चाहकर भी हम तुम्हे भूल ना पाते।।
दूर तुमसे है मगर चैन एक पल कहीं आता।।
हां बीन तुम्हारे जीना पर जीना नही ये आता।।

वो बांते तेरी वो तेरा यूं हम पे मुस्कुराना,
बीन कहे मेरा वो तेरा मुझको समझ जाना।।
वो एक पल में गुस्सा और पल मे मान जाना,
वो मेरा मेरे दोस्त तुझको हर बात बताना,
बड़ा याद आता मुझको वो तेरा साथ पुराना।।
हां आ जाओ ना वापस दूर कहीं थोड़े हो,
अरे थोड़ा रूठे ही हो कही खोए थोड़ी हो।।
मेरे दिल जिस कोने से अब भी तड़पा रहे हो,
अरे उस दिल मे देखो गौर से बस तुम ही तुम हो 
दूर तुमसे है मगर चैन एक पल ना आता।।
हां बीन तुम्हारे जीना पर जीना नही ये आता।।


Post a Comment

1 Comments