ये इन्तजार भी बहुत दर्द देती हैं,
ये हर सब्र को बस तोड़ देती हैं।।
आसान नही होता यूं इन्तजार मे वक्त बिताना,
बिना शिकायत के बस चुप हो किए जाना।।
इन्तजार कभी तन्हा अकेला कर देती हैं।।
जब पता हो की इन्तजार के बाद भी इन्तजार है,
सच कहता हुं तब ये अंदर से दर्द देती है।।
इन्तजार आसान नहीं लड़ना इससे बेकार सही,
होता ये उस तपन की तरह जिससे बचे कोई नहीं।।
आंखे सुख जाती है, नीद उड़ जाती हैं,
इस इन्तजार में जिदंगी कभी यूं बदल सी जाती हैं।।
नए बुरे अच्छे ख्याल पल पल ये बना देता दिल में,
कभी ना पूरी हो वो आश भी जगा देता दिल मे।।
ये इन्तजार एक मायाजाल जिसपे फसा देता रूह को।।
पर ना जाने इसकी खूबी भी ऐसी,
लाख दर्द के बाद इसके खत्म होने की खुशी ऐसी।।
जैसे प्यासे के लिऐ रेगिस्थान में पानी ।।
बहुत सुंदर अहसास होता होगा,
जो शब्दो से बंया ना हों सकता।।
बहुत खुशनसीब है वो लोग ,
जिनका इन्तज़ार वक्त मे खत्म होता होगा।।
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